Adani’s Coal Scam Behind Rising Electricity Prices

(Click here to read this article in Hindi.) The truth behind the rising electricity prices and electricity bills that lighten the pockets of common people has been revealed in a report published in ‘Financial Times’ on 22nd May 2024. In the last few years, this newspaper has published 25 detailed reports on the Adani coal … More Adani’s Coal Scam Behind Rising Electricity Prices

महंगी होती बिजली के पीछे अडानी का कोयला घोटाला

(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।) बिजली की बढ़ती कीमतों और आम लोगों की जेबें हल्की करते बिजली बिल के पीछे की सच्चाई का बड़ा खुलासा ‘फिनांशीयल टाइम्स’ में विगत 22 मई को छपी रिपोर्ट में किया गया है। इस अखबार ने पिछले कुछ सालों में 2014 में शुरू हुए … More महंगी होती बिजली के पीछे अडानी का कोयला घोटाला

चुनाव बाद परिस्थितियों पर एक नजर

संपादकीय, ‘सर्वहारा’ अखबार (अंक 52) – 1 जून 2024 1 जून को 18वीं लोक सभा चुनाव का 7वां और अंतिम दौर समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही हर पांच सालों पर आने वाला ‘जनतंत्र’ का महापर्व और इसका चुनावी शोरगुल बंद भी हो जाएगी। 4 जून को हार-जीत का रिजल्ट आने के बाद किसकी हार … More चुनाव बाद परिस्थितियों पर एक नजर

‘नक्सलबाड़ी’ – इतिहास की मुख्य कड़ियों का संक्षिप्त पुनरावलोकन : पीआरसी, सीपीआई (एमएल)

यह लेख मूलतः नवम्बर 2013 में हुई पीआरसी, सीपीआई (एमएल) की पहली [असल में दूसरी] पार्टी कांफ्रेंस के दस्तावेज में प्रकाशित किया गया था जिसे हम 25 मई 2021 को नक्सलबाड़ी आंदोलन की 54वीं वर्षगांठ पर पुनःप्रस्तुत कर रहे हैं। नक्सलबाड़ी : इतिहास की मुख्य कड़ियों के बारे में(एक अतिसंक्षिप्त पुनरावलोकन और चंद अन्य बातें) नक्सलबाड़ी, जो भारत के कम्युनिस्ट आंदोलन में आए एक सर्वाधिक … More ‘नक्सलबाड़ी’ – इतिहास की मुख्य कड़ियों का संक्षिप्त पुनरावलोकन : पीआरसी, सीपीआई (एमएल)

Adani: Face Of Capitalist Loot In Last Phase Of Its Life

S V Singh // “We are fighting MODI-ADANI-AMBANI”. Farmers have made the equation simple and straight. Dust is settling down with each passing day, letting the reality get clearer and clearer. How much time used to be lost in explaining that the state power is vested in the hands of the bourgeoisie and the governments, … More Adani: Face Of Capitalist Loot In Last Phase Of Its Life

आज का युवा वर्ग और स्तालिन की विरासत

[सोवियत समाजवाद के निर्माता और विश्व सर्वहारा के महान नेता व शिक्षक कॉमरेड स्तालिन के जन्मदिवस पर पीडीवाईएक द्वारा जारी लेख] 21 दिसंबर 2020 अगर बात युवा वर्ग की हो और साथ में स्तालिन की क्रांतिकारी विरासत पर भी चर्चा हो रही हो, तो जर्द बर्फीली सर्दी में भी रगों में गरमी दौड़ने लगती है। … More आज का युवा वर्ग और स्तालिन की विरासत

Fascism & Rising Violence Against Women

V Prajapati // Rising violence and oppression against women, both in rate and intensity, is intricately connected to Fascism. A better understanding of the dynamics of their relationship can be developed by delving into the meaning of ‘fascism’ and the violence it is capable of unleashing over the masses. Georgi Dimitrov defined Fascism, a product … More Fascism & Rising Violence Against Women

Bihar Elections: The Battle Remains Unfinished

Tejashwi-led Alliance However Seems All Set To Win Shekhar // [This is the third and final piece in the Bihar Elections article series. The first and second articles have been published in the September (#5) and October (#6) 2020 issues of The Truth.] Bihar Elections have already begun with polling complete for some constituencies on … More Bihar Elections: The Battle Remains Unfinished

मज़दूरों को उनकी ‘अपनी’ सरकार ने ही त्याग दिया

[एस. वी. सिंह] “चूँकि मज़दूरों कि मौत का कोई आंकड़ा सरकार के पास मौजूद नहीं है, इसलिए उन्हें मुआवजा देने का सवाल ही पैदा नहीं होता” 14 सितम्बर को संसद में श्रम एवं रोज़गार मंत्री संतोष गंगवार का ये बयान सुन कर देश स्तब्ध रह गया। क्या कोई सरकार इतनी निष्ठुर, इतनी संवेदनहीन हो सकती … More मज़दूरों को उनकी ‘अपनी’ सरकार ने ही त्याग दिया

बिहार चुनाव : महागठबंधन की जीत और फासीवाद

[शेखर] [यह लेख बिहार चुनाव 2020 पर ‘यथार्थ’ पत्रिका में लेख श्रृंखला में तीसरा और अंतिम लेख है। पहले और दूसरे लेख ‘यथार्थ’ के सितंबर (#5) और अक्टूबर (#6) अंकों में छपे थे।] बिहार चुनाव के पहले दो चरण के मतदान हो चुके हैं और यह लेख लिखते वक्त 7 नवंबर को होने वाले तीसरे … More बिहार चुनाव : महागठबंधन की जीत और फासीवाद