‘नक्सलबाड़ी’ – इतिहास की मुख्य कड़ियों का संक्षिप्त पुनरावलोकन : पीआरसी, सीपीआई (एमएल)

यह लेख मूलतः नवम्बर 2013 में हुई पीआरसी, सीपीआई (एमएल) की पहली [असल में दूसरी] पार्टी कांफ्रेंस के दस्तावेज में प्रकाशित किया गया था जिसे हम 25 मई 2021 को नक्सलबाड़ी आंदोलन की 54वीं वर्षगांठ पर पुनःप्रस्तुत कर रहे हैं। नक्सलबाड़ी : इतिहास की मुख्य कड़ियों के बारे में(एक अतिसंक्षिप्त पुनरावलोकन और चंद अन्य बातें) नक्सलबाड़ी, जो भारत के कम्युनिस्ट आंदोलन में आए एक सर्वाधिक... Continue Reading →

आज का युवा वर्ग और स्तालिन की विरासत

[सोवियत समाजवाद के निर्माता और विश्व सर्वहारा के महान नेता व शिक्षक कॉमरेड स्तालिन के जन्मदिवस पर पीडीवाईएक द्वारा जारी लेख] 21 दिसंबर 2020 अगर बात युवा वर्ग की हो और साथ में स्तालिन की क्रांतिकारी विरासत पर भी चर्चा हो रही हो, तो जर्द बर्फीली सर्दी में भी रगों में गरमी दौड़ने लगती है।... Continue Reading →

Fascism & Rising Violence Against Women

V Prajapati // Rising violence and oppression against women, both in rate and intensity, is intricately connected to Fascism. A better understanding of the dynamics of their relationship can be developed by delving into the meaning of ‘fascism’ and the violence it is capable of unleashing over the masses. Georgi Dimitrov defined Fascism, a product... Continue Reading →

मज़दूरों को उनकी ‘अपनी’ सरकार ने ही त्याग दिया

[एस. वी. सिंह] “चूँकि मज़दूरों कि मौत का कोई आंकड़ा सरकार के पास मौजूद नहीं है, इसलिए उन्हें मुआवजा देने का सवाल ही पैदा नहीं होता” 14 सितम्बर को संसद में श्रम एवं रोज़गार मंत्री संतोष गंगवार का ये बयान सुन कर देश स्तब्ध रह गया। क्या कोई सरकार इतनी निष्ठुर, इतनी संवेदनहीन हो सकती... Continue Reading →

बिहार चुनाव : महागठबंधन की जीत और फासीवाद

[शेखर] [यह लेख बिहार चुनाव 2020 पर 'यथार्थ' पत्रिका में लेख श्रृंखला में तीसरा और अंतिम लेख है। पहले और दूसरे लेख ‘यथार्थ’ के सितंबर (#5) और अक्टूबर (#6) अंकों में छपे थे।] बिहार चुनाव के पहले दो चरण के मतदान हो चुके हैं और यह लेख लिखते वक्त 7 नवंबर को होने वाले तीसरे... Continue Reading →

बिहार चुनाव : जनविरोधी सरकार से हिसाब चुकता करें!

शेखर // पूंजीवादी-साम्राज्‍यवादी तथा फासीवादी लूट की व्‍यवस्‍था को खत्‍म करने के लिए समाजवाद के लक्ष्‍य के साथ आगे बढ़ें! [पिछले अंक से जारी] बिहार चुनाव में अब एक महीने से भी कम का समय रह गया है। पहले दौर का नामांकन दो दिनों बाद शुरू होने वाला है। चुनावी पार्टियों के बीच आपसी गठबंधन... Continue Reading →

फासीवाद की नई प्रयोगशाला – यूपी मॉडल

गोर्गी दिमित्रोव ने सही कहा था कि “कम्युनिस्ट इंटरनेशनल की 13वीं कार्यकारी समिति ने फासीवाद की बिल्कुल सटीक परिभाषा दी है कि फासीवाद वित्तीय पूंजी के सबसे प्रतिक्रियावादी, सबसे अंधराष्ट्रवादी और सबसे साम्राज्यवादी तत्वों की खुली आतंकी तानाशाही को कहते हैं।” लेकिन अगर आम लोगों को फासीवाद समझना हो तो वे पिछले कुछ दिनों में... Continue Reading →

BIHAR ELECTIONS: TAKE REVENGE BY BALLOT ON ANTI-PEOPLE GOVERNMENT AND PARTIES – UNITE FOR A SOCIALIST FUTURE IN THE LEADERSHIP OF THE WORKING CLASS

Shekhar // [In continuation from previous issue] Less than a month is left now for Bihar Assembly elections. But for the poor and the toilers, the question of whom to vote and why still remains a 'mystery' as independent Left or Revolutionary Left alliance didn't appear at all. Pre-election alliance of Parliamentary Left with RJD... Continue Reading →

Create a website or blog at WordPress.com

Up ↑