A Priya // After the historic press conference on 12th January 2018 by the four senior-most judges of the Supreme Court who came out saying that “democracy is at stake”, the latest suo moto contempt case against SC’s Senior Advocate Prashant Bhushan further brought out into the open the questionable state of Indian judiciary. As... Continue Reading →
प्रशांत भूषण बनाम वाम (लेफ्ट) : मूल प्रश्न विषय के प्रस्तुतिकरण का है
यह भी बहस चल रही है कि वाम को प्रशांत भूषण का समर्थन करना चाहिये या नहीं। कुछ लोग यह सवाल उठाते हैं कि प्रशांत भूषण का सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मौजूदा द्वंद्व में समर्थन करने से हम उसको "हीरो" बना देते हैं और इसीलिए यह त्याज्य है। लेकिन वे यह नहीं कहते हैं... Continue Reading →
प्रशांत भूषण के बारे में कुछ वैचारिक बातें
अपने कल के बयान में प्रशांत भूषण पूंजीवादी जनवादी व्यवस्था की अंतरात्मा के रखवाले की भूमिका में खुलकर आये। दिक्कत यह है कि यह दौर अंदर से सड़ चुके पूंजीवादी जनतंत्र के ऊपर (उसके अंदरूनी ऐतिहासिक पतन के परिणामस्वरूप जन्मे) फासीवाद के पूर्ण विजय का है और इस दौर में विजयी फासीवादी-पूंजीवादी व्यवस्था के पास... Continue Reading →