The origin of May Day is indissolubly bound up with the struggle for the shorter workday – a demand of major political significance for the working class, as Alexander Trachtenberg wrote in 1932 as the first lines of his important pamphlet titled The History of May Day. Hence, it becomes crucial for the working class... Continue Reading →
मई दिवस की विरासत और मजदूर वर्ग के समक्ष चुनौतियां
मई दिवस से मजदूर वर्ग के राज्य तक, आज के बर्बर पूंजीवाद के विरुद्ध नईं उम्मीदों के पुनर्जीवन तक हम मई दिवस से, जिसे मजदूर दिवस भी कहते हैं, बस चंद घंटे दूर हैं। सभी वर्ग सचेत मजदूर जानते हैं कि यह हमारे पूर्वजों के द्वारा 8 घंटे के कार्य दिवस की मांग के लिए... Continue Reading →
फासीवाद पर विजय के 75 साल : इतिहास के सबक और आगे का रास्ता
ए. प्रिया // किसी ने सही कहा है कि, “अगर हम द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हुए हर सोवियत संघ के जवान के लिए एक मिनट का मौन रखें, तो पूरी दुनिया दशकों के लिए शांत हो जाएगी।” 75 साल पहले लाल सेना द्वारा नाजी जर्मनी की राजधानी बर्लिन पर आक्रमण और राइखस्टाग ईमारत पर... Continue Reading →
ON THE 75th ANNIVERSARY OF VICTORY OVER FASCISM : LESSONS FROM THE PAST AND THE WAY AHEAD
A Priya // Someone has rightly said, “If we observed one minute of silence for every USSR martyr of the 2nd World War, the world would remain silent for decades.” 75 years ago, the invasion of Hitler Berlin by the Red Army and taking over of the Reichstag marks the defeat of fascist forces in... Continue Reading →
मई दिवस पर संदेश : जरूरत है ढहते पूंजीवाद को आखिरी धक्के की!
एस. राज // मई दिवस का इतिहास काम के घंटे कम करने के लंबे आंदोलन से जुड़ा हुआ है। इसलिए इसे जानना उन सबके लिए जरूरी है जो मजदूरी करते हैं या वेतन पर जिंदा रहते हैं या फिर जो समाज को उन्नत, सुन्दर और शोषणमुक्त बनाना चाहते हैं। मजदूरों के लिए काम करने की... Continue Reading →
कार्ल मार्क्स का जीवन, विचार व काम श्रमिकों की मुक्ति के लिए संगठित होने का आह्वान है!
कार्ल मार्क्स का जन्म 5 मई को 202 वर्ष पहले 1818 में हुआ था। दुनिया को उन्होंने जो विज्ञान प्रदान किया था वह आज तक बहुत ही सजीव रूप में हमें प्रेरित करता है। मार्क्सवाद जिंदा है क्योंकि वह कोई एकमात्र अंतिम सत्य बताने का दावा नहीं करता। बल्कि, वह एक ऐसा विज्ञान है जो... Continue Reading →