आज का युवा वर्ग और स्तालिन की विरासत

[सोवियत समाजवाद के निर्माता और विश्व सर्वहारा के महान नेता व शिक्षक कॉमरेड स्तालिन के जन्मदिवस पर पीडीवाईएक द्वारा जारी लेख] 21 दिसंबर 2020 अगर बात युवा वर्ग की हो और साथ में स्तालिन की क्रांतिकारी विरासत पर भी चर्चा हो रही हो, तो जर्द बर्फीली सर्दी में भी रगों में गरमी दौड़ने लगती है।... Continue Reading →

एंगेल्स का पुनरावलोकन : पितृसत्ता की ऐतिहासिक भौतिकवादी पुनर्रचना

[अमिता कुमारी] वर्तमान में हमारे बीच के करीब सभी समुदाय पितृसत्तात्मक हैं; और जब से लिखित दस्तावेजों द्वारा हमें इतिहास ज्ञात हैं, तब से समाज ऐसा ही है। तब क्या यह समझा जाए कि पितृसत्ता हमारे बीच हमेशा से है? क्या स्त्री-परवशता एक स्वाभाविक/ प्राकृतिक परिघटना है? एक मार्क्सवादी इस पारंपरिक मत को मानने वाला आखिरी... Continue Reading →

महान रूसी अक्‍टूबर क्रांति का विश्‍व-ऐतिहासिक महत्‍व और उसके कुछ ठोस सबक

~ शेखर 25 अक्‍टूबर, 1917 (नये कैलेंडर के अनुसार 7 नवंबर, 1917) के दिन, आज से 103 वर्ष पूर्व रूस में बोल्‍शेविकों द्वारा संगठित सर्वहारा समाजवादी क्रांति ने पूंजीपति वर्ग का तख्‍ता पलट दिया था और सर्वहारा वर्ग के अधिनायकत्‍व की स्‍थापना की थी। इसके पूर्व 18 मार्च 1871 को पेरिस में मात्र तीन महीने... Continue Reading →

प्रथम इंटरनेशनल के स्‍थापना दिवस (28 सितंबर 1864) के अवसर पर

शेखर // “मजदूर वर्ग की मुक्ति स्‍वयं मजदूर वर्गों द्वारा हासिल की जानी चाहिए” – ये शब्‍द प्रथम इंटरनेशनल की आम नियमावली बनाते समय मजदूर वर्ग के महानतम नेता और शिक्षक कार्ल मार्क्‍स ने लिखे थे। मजदूर वर्ग के मुक्ति आंदोलन को जिन बेहद जरूरी बातों को ध्‍यान में रखना चाहिए उनमें से यह सबसे... Continue Reading →

भगत सिंह की विरासत

प्रसाद वी. // भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी सेनानी भगत सिंह की 113वीं जयंती (28 सितंबर) एक ऐसे समय में पड़ रही है, जब चरमपंथी दक्षिणपंथी आरएसएस सहित विभिन्न वैचारिक समूह उनकी विरासत पर दावा करने और उन्हें बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं। भारतीय मानस में उन्हें जो लोकप्रियता और सम्मान प्राप्त... Continue Reading →

THE LEGACY OF BHAGAT SINGH

Prasad V // 113th birth anniversary of Bhagat Singh (Sept 28), the great revolutionary fighter of Indian freedom struggle is falling at a time when different ideological groups including the extreme right-wing RSS is trying to claim and usurp his legacy. The popularity and respect he got in the Indian psyche is evident from that.... Continue Reading →

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