महान रूसी अक्‍टूबर क्रांति का विश्‍व-ऐतिहासिक महत्‍व और उसके कुछ ठोस सबक

~ शेखर 25 अक्‍टूबर, 1917 (नये कैलेंडर के अनुसार 7 नवंबर, 1917) के दिन, आज से 103 वर्ष पूर्व रूस में बोल्‍शेविकों द्वारा संगठित सर्वहारा समाजवादी क्रांति ने पूंजीपति वर्ग का तख्‍ता पलट दिया था और सर्वहारा वर्ग के अधिनायकत्‍व की स्‍थापना की थी। इसके पूर्व 18 मार्च 1871 को पेरिस में मात्र तीन महीने … More महान रूसी अक्‍टूबर क्रांति का विश्‍व-ऐतिहासिक महत्‍व और उसके कुछ ठोस सबक

The Great October Socialist Revolution: Torch Bearer of All Future Proletarian-Led Revolutions

The Great October Socialist Revolution took place on October 25, 1917. Led by an entirely different type of proletarian party i.e. the Leninist Party that put into practice the concept of a communist party as the general headquarter of the armies of the proletariat fighting to overthrow the rule of exploitation  by capital, the October … More The Great October Socialist Revolution: Torch Bearer of All Future Proletarian-Led Revolutions

प्रथम इंटरनेशनल के स्‍थापना दिवस (28 सितंबर 1864) के अवसर पर

शेखर // “मजदूर वर्ग की मुक्ति स्‍वयं मजदूर वर्गों द्वारा हासिल की जानी चाहिए” – ये शब्‍द प्रथम इंटरनेशनल की आम नियमावली बनाते समय मजदूर वर्ग के महानतम नेता और शिक्षक कार्ल मार्क्‍स ने लिखे थे। मजदूर वर्ग के मुक्ति आंदोलन को जिन बेहद जरूरी बातों को ध्‍यान में रखना चाहिए उनमें से यह सबसे … More प्रथम इंटरनेशनल के स्‍थापना दिवस (28 सितंबर 1864) के अवसर पर

भगत सिंह की विरासत

प्रसाद वी. // भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी सेनानी भगत सिंह की 113वीं जयंती (28 सितंबर) एक ऐसे समय में पड़ रही है, जब चरमपंथी दक्षिणपंथी आरएसएस सहित विभिन्न वैचारिक समूह उनकी विरासत पर दावा करने और उन्हें बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं। भारतीय मानस में उन्हें जो लोकप्रियता और सम्मान प्राप्त … More भगत सिंह की विरासत

A MESSAGE ON MAY DAY: WHAT’S NEEDED IS A BLOW TO CRUMBLING CAPITALISM

The origin of May Day is indissolubly bound up with the struggle for the shorter workday – a demand of major political significance for the working class, as Alexander Trachtenberg wrote in 1932 as the first lines of his important pamphlet titled The History of May Day. Hence, it becomes crucial for the working class … More A MESSAGE ON MAY DAY: WHAT’S NEEDED IS A BLOW TO CRUMBLING CAPITALISM

मई दिवस की विरासत और मजदूर वर्ग के समक्ष चुनौतियां

मई दिवस से मजदूर वर्ग के राज्‍य तक, आज के बर्बर पूंजीवाद के विरुद्ध नईं उम्‍मीदों के पुनर्जीवन तक हम मई दिवस से, जिसे मजदूर दिवस भी कहते हैं, बस चंद घंटे दूर हैं। सभी वर्ग सचेत मजदूर जानते हैं कि यह हमारे पूर्वजों के द्वारा 8 घंटे के कार्य दिवस की मांग के लिए … More मई दिवस की विरासत और मजदूर वर्ग के समक्ष चुनौतियां

फासीवाद पर विजय के 75 साल : इतिहास के सबक और आगे का रास्ता

ए. प्रिया // किसी ने सही कहा है कि, “अगर हम द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हुए हर सोवियत संघ के जवान के लिए एक मिनट का मौन रखें, तो पूरी दुनिया दशकों के लिए शांत हो जाएगी।” 75 साल पहले लाल सेना द्वारा नाजी जर्मनी की राजधानी बर्लिन पर आक्रमण और राइखस्टाग ईमारत पर … More फासीवाद पर विजय के 75 साल : इतिहास के सबक और आगे का रास्ता

ON THE 75th ANNIVERSARY OF VICTORY OVER FASCISM : LESSONS FROM THE PAST AND THE WAY AHEAD

A Priya // Someone has rightly said, “If we observed one minute of silence for every USSR martyr of the 2nd World War, the world would remain silent for decades.” 75 years ago, the invasion of Hitler Berlin by the Red Army and taking over of the Reichstag marks the defeat of fascist forces in … More ON THE 75th ANNIVERSARY OF VICTORY OVER FASCISM : LESSONS FROM THE PAST AND THE WAY AHEAD