जनता के जनतंत्र की दहलीज़ पर चिली

एस. राज //

दक्षिण अमेरिकी देश चिली ने अक्टूबर 2019 में अपने हालिया इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा जन विद्रोह देखा जब पिछले 5 दशकों से चले आ रहे नवउदारवादी हमलों और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लाखों में जनता सड़कों पर उतर आई। इस विद्रोह का सीधा नतीजा हुआ कि साम्राज्यवादी तानाशाह अगस्तो पिनोशे की सरकार द्वारा 1980 में थोपे गए नवउदारवादी संविधान की जगह पर एक नया संविधान तैयार करने को लेकर जनमत-संग्रह आयोजित करने की मांग को चिली सरकार को मानना पड़ा। इस विद्रोह की विशालता और विविधता के मद्देनजर मीडिया ने इसे ‘एस्ताईदो सोशल’ यानी सामाजिक विस्फोट की संज्ञा दी।

25 अक्टूबर 2020 को यह जनमत-संग्रह हुआ जिसमें एक नया संविधान स्थापित करने के विकल्प को और इसकी प्रक्रिया के लिए एक संपूर्ण रूप से जनता द्वारा निर्वाचित संविधान सभा की स्थापना के विकल्प को भारी संख्या में जनता द्वारा वोट मिले। इस संविधान सभा के सदस्यों का चुनाव अप्रैल 2021 में होगा जिसके बाद संविधान को ड्राफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके बाद नए संविधान के ड्राफ्ट को अगस्त 2022 में जनता के सामने वोट कर पारित करने के लिए पेश किया जाएगा। इस प्रक्रिया के सामने होने से चिली की जनता के सामने क्रांतिकारी संभावनाएं उजागर हो चुकी हैं।

जन विद्रोह और बाद का सिलसिला

14 अक्टूबर 2019 को चिली की राजधानी सेंटिआगो में मेट्रो का किराया 30 पेसो (करीब 3 रुपए) बढ़ाए जाने के विरोध में भारी संख्या में लोगों ने सड़कों पर आ कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। हालांकि इस प्रतिरोध का तात्कालिक कारण मेट्रो किराए में वृद्धि थी, इसने जल्द ही एक विशाल रूप अख्तियार कर लिया जब निजीकरण, गैर-बराबरी, महंगाई आदि के साथ नवउदारवाद के ही विरुद्ध प्रचंड संख्या में लोग सड़कों पर आने लगे। एक लोकप्रिय नारा उठा, “बात 30 पेसो की नहीं, 30 सालों की है!” जो इस छोटी वृद्धि के खिलाफ इतने विशाल आंदोलन व जन आक्रोश के पीछे के कारणों को स्पष्ट कर देता है।

प्रदर्शन स्कूल छात्रों द्वारा किराया ना देने के एक सुनियोजित अभियान से शुरू हुआ जिसके बाद शहर के मुख्य ट्रेन स्टेशनों को जनता द्वारा टेकओवर कर लिया गया जिसके कारणवश चिली की राष्ट्रीय पुलिस फोर्स से जनता की सीधी भिड़ंत हुई। 18 अक्टूबर को राष्ट्रपति, जो चिली के सबसे अमीर लोगों में से एक है, सेबैस्टियन पिनेरा ने इमरजेंसी की घोषणा कर दी और राष्ट्रीय सेना बलों को मुख्य क्षेत्रों में उतार दिया। इसके साथ ही पिनेरा ने कोर्ट के सामने दर्जनों गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दमनकारी ‘राज्य सुरक्षा कानून’ लागू कर दिया। इसके बाद ही ग्रेटर सेंटिआगो क्षेत्र में 19 अक्टूबर को कर्फ्यू की घोषणा कर दी गई।

हालांकि यह सभी राजकीय नीतियां नाकाम साबित हुई जब 25 अक्टूबर को 10 लाख से भी अधिक लोग नवउदारवादी नीतियों के विरुद्ध और राष्ट्रपति पिनेरा के इस्तीफे की मांग के साथ पूरे देश में लड़ाकू तेवर के साथ सड़कों पर उतर आए। जैसा अपेक्षित था, प्रदर्शनकारी जनता को जघन्य राजकीय दमन का सामना करना पड़ा जिसमें हत्या, यातनाएं, आंख फोड़ना, बलात्कार और यौन हिंसा शामिल थे। फरवरी 2020 तक के आंकड़ों के अनुसार 36 लोगों की हत्या हो चुकी है, 11,564 घायल हुए हैं और 28,000 गिरफ्तारियां हुई हैं। असली संख्या इससे भी अधिक होने की संभावना मौजूद है।

हालांकि इन सबके बावजूद संघर्षरत जनता अपनी मांगों के साथ आगे बढ़ती रही और अंततः सरकार को झुकना पड़ा। 15 नवंबर 2019 को चिली की राष्ट्रीय कांग्रेस (संसद) ने अप्रैल 2020 में एक नए संविधान को तैयार करने के सवाल पर जनमत-संग्रह कराने के फैसले पर जनदबाव के कारण मोहर लगाई, जिसे फिर कोविड महामारी के कारण 25 अक्टूबर 2020 के लिए स्थगित किया गया।

विद्रोह की पृष्ठभूमि

1970 में चिली के आम चुनाव में जनवादी तरीके से चुन कर आई साल्वाडोर आएंदे की समाजवादी सरकार (जिसके साथ कम्युनिस्ट पार्टी व चार अन्य वाम पार्टियों वाला ‘पोपुलर यूनिटी’ गठबंधन था) को 11 सितंबर 1973 में सीआईए-प्रायोजित सैन्य तख्तापलट के जरिए हिंसापूर्वक हटा दिया गया था और उसके बदले अगस्तो पिनोशे की तानाशाह व दमनकारी सरकार को वहां बिठाया गया था। पिनोशे ने तत्काल रूप से संविधान को निलंबित करने के साथ राष्ट्रीय कांग्रेस (संसद) को भंग कर दिया और एक सैन्य तानाशाही स्थापित कर दी जिसके कारण हजारों हत्या और जघन्य यातनाओं को अंजाम दिया गया।

1980 में धोखाधड़ी से लिप्त जनमत-संग्रह करा कर पिनोशे के सलाहकार जेम गुजमान द्वारा तैयार किया गया दमनकारी संविधान को पारित करा लिया गया जिसके तहत अमेरिकी अर्थशास्त्री मिल्टन फ्रीडमन और “शिकागो बॉय” अर्थशास्त्रियों की नवउदारवादी विचारों को पूरे देश की आर्थिक नीति के तौर पर थोपा गया। इसी के तहत गैर-बराबरी लगातार बढ़ती गई और इसके साथ जनता पर राजकीय दमन भी तीव्र हो गया। ‘इकनोमिक कमीशन फॉर लैटिन अमेरिका एंड द कैरिबीयन’ के अनुसार चिली की 1% सबसे अमीर जनता के पास देश की 26.5% संपदा का नियंत्रण है, जबकि 50% गरीब परिवारों के पास महज 2.1% संपदा है।

हालांकि जनता के आक्रोश के कारण पिनोशे को 1990 में पदच्युत कर दिया गया, उसके बावजूद वह अगले 8 वर्षों तक सैन्य बालों का कमांडर-इन-चीफ बना रहा और राज्य के अन्य अंगों पर भी उसका नियंत्रण व सीधा प्रभाव रहा। 1990 में ‘जनतंत्र’ की तरफ बढ़ने की प्रक्रिया में पिनोशे के संविधान में कुछ संशोधन किए गए जिससे उसके दमनकारी प्रावधानों को निरस्त किया गया। हालांकि नवउदारवादी व शोषणकारी प्रावधानों को वैसा ही छोड़ दिया गया जो आज तक लागू हैं।

2019 में जब इस जनांदोलन की शुरुआत हुई तो राष्ट्रपति पिनेरा ने पिनोशे के अंदाज में ही टैंकों को जनता के सामने सड़कों पर खड़ा कर दिया और घोषणा की कि “हम एक ताकतवर, दयाहीन दुश्मन के खिलाफ जंग पर हैं जिसे किसी चीज या व्यक्ति का सम्मान नहीं है” [लेखक द्वारा अंग्रेजी से अनुवादित] जो कि पिनोशे के कुख्यात लफ्ज थे।

अक्टूबर 2020 का जनमत-संग्रह

व्यापक जनांदोलन की बदौलत चिली में राष्ट्रीय जनमत-संग्रह 25 अक्टूबर 2020 को हुआ, जिसमें दो सवाल पूछे गए। पहला, कि क्या एक नया संविधान तैयार किया जाना चाहिए (अप्रूव) या नहीं (रिजेक्ट), और दूसरा, कि क्या इस संविधान को तैयार करने के लिए एक “संवैधानिक सभा” का गठन करना चाहिए जिसमें सभी सदस्य चुनाव से जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित किए जाएंगे, या फिर एक “मिश्रित संवैधानिक सभा” का जिसके आधे सदस्य चुनाव से निर्वाचित होंगे लेकिन बाकी के आधे सदस्य वर्तमान सांसद होंगे। पहले सवाल पर “अप्रूव” के विकल्प को 78% वोट मिले और दूसरे सवाल पर “संवैधानिक सभा” के विकल्प को 79% वोट मिले। कुल वोटरों की संख्या (टर्नआउट) 51% थी।

11 अप्रैल 2021 को इस नई संवैधानिक सभा के सदस्यों को चुनने के लिए दूसरा चुनाव आयोजित होगा। यह सभा 155 सदस्यीय होगी जिसमें आधी संख्या महिलाओं की होगी। इसके बाद तीसरा चुनाव अगस्त 2022 के पहले आयोजित होगा जिसमें इस सभा द्वारा तैयार किए गए संविधान के मसौदे को स्वीकार या अस्वीकार करने का निर्णय जनता लेगी। अतः संविधान की प्रतिस्थापना की यह पूरी प्रक्रिया करीब 2 वर्षों में पूरी होगी।

राजनीतिक पार्टियां व मौजूदा समीकरण

संविधान के प्रतिस्थापन का समर्थन करने वाली मुख्य ताकतें हैं मजदूर वर्ग, ट्रेड यूनियन, वाम पार्टियां तथा भिन्न प्रगतिशील सामाजिक समूह व आंदोलन। वहीं धनी क्षेत्र व तबके तथा दक्षिणपंथी राजनीतिक समूह वर्तमान संविधान का ही समर्थन कर रहे हैं।

सत्तासीन गठबंधन चिली वामोस तीन दक्षिणपंथी पार्टियों का एक नवउदारवादी गठबंधन है जिसमें नेशनल रिन्यूअल, इंडिपेंडेंट डेमोक्रेटिक यूनियन व पोलिटिकल एवोल्यूशन शामिल हैं। यही वह मुख्य राजनीतिक ताकत है जिसने, स्वाभाविक रूप से, वर्तमान संविधान का ही समर्थन किया है। इसके अलावा तीन मुख्य राजनीतिक गठबंधन जिनमें मुख्यतः वाम-उदारवादी झुकाव वाली पार्टियां हैं, नामतः सोशलिस्ट पार्टी नीत ‘पोलिटिकल कन्वर्जेन्स’, डेमोक्रेटिक रेवोलुशन पार्टी नीत ‘ब्रॉड फ्रंट’ एवं कम्युनिस्ट पार्टी नीत ‘यूनिटी फॉर चेंज’, ने खुले तौर पर नए संविधान की स्थापना करने को समर्थन दिया है।

जनवरी 2020 में कमांडो ‘चिली दिग्नो’ अर्थात डिग्निफाइड (गौरवपूर्ण) चिली के नाम से भिन्न वामपंथी राजनीतिक पार्टियों द्वारा एक मंच का गठन किया गया। इस मंच के तहत अक्टूबर 2020 के भावी जनमत-संग्रह के मद्देनजर संविधान की प्रतिस्थापना के पक्ष में एक राजनीतिक अभियान शुरू किया गया। इस मंच का हिस्सा थे : कम्युनिस्ट पार्टी, प्रोग्रेसिव पार्टी, सोशल ग्रीन रीजनलिस्ट फेडरेशन, ह्यूमनिस्ट पार्टी, इक्वलिटी पार्टी, लिबर्टेरियन लेफ्ट, पीपल्स डेमोक्रेटिक मूवमेंट व अन्य सामाजिक संगठन।

सामने खड़ीं क्रांतिकारी संभावनाएं

चिली में यह ऐतिहासिक जनमत-संग्रह बोलीविया में इवो मोराल्स की ‘मूवमेंट फॉर सोशलिज्म’ पार्टी की आम चुनाव में वहां की नवउदारवादी वर्तमान सरकार, जिसे नवंबर 2019 में अमेरिकी साम्राज्यवादी ताकतों द्वारा सैन्य तख्तापलट के जरिए बैठाया गया था, पर हुई जीत के कुछ ही दिन बाद हुआ है।

चिली की जनता ने जघन्य व घोर अमानवीय दमन का सामना करते हुए नवउदारवाद के विरुद्ध अपने जुझारू संघर्ष से केवल एक नए संविधान को स्थापित करने की नहीं बल्कि इसके लिए एक वास्तविक जनवादी प्रक्रिया सुनिश्चित करने की जमीन तैयार कर इतिहास रच दिया है। चिली के लिए नवउदारवादी तानाशाही से हट कर एक क्रांतिकारी संविधान को स्थापित कर उसके आधार पर जनता के वास्तविक जनतंत्र में प्रवेश करने के लिए वर्तमान परिस्थितियां बेहद अनुकूल हैं।

जनता के संविधान में ऐसे सारे प्रावधान होने चाहिए जो समाज को जनता के जनतंत्र एवं समाजवाद की तरफ ले जाएं। इसके तहत : सभी बड़े पूंजीपतियों-धन्नासेठों की सारी धन-संपदा व अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों जैसे शिक्षा स्वास्थ्य से लेकर उद्योग व कृषिक्षेत्र का राष्ट्रीयकरण कर उसे प्रत्यक्ष रूप से जनता के नियंत्रण में डाला जाए और ना कि नौकरशाही के नियंत्रण में; सभी जमींदारों की जमीनें ग्रामीण मजदूरों व गरीब किसानों में बांट दी जाए; जनतांत्रिक चुनावों में नाकाम निर्वाचित प्रत्याशियों को वापस बुलाने का अधिकार दिया जाए; पुलिस व सुरक्षा बलों को एक जन सेना (पीपल्स मिलिशिया) से प्रतिस्थापित किया जाए, सैन्य बालों को एक जन सेना के आधार पर पुनर्गठित किया जाए जिससे भविष्य में साम्राज्यवादी सैन्य तख्तापलटों से सुरक्षा सुनिश्चित हो, सारे साम्राज्यवादी एजेंटों व कठपुतलियों को उचित प्रक्रिया के तहत कैद कर दण्डित किया जाए; आदि।

स्वाभाविक रूप से जनता के ऐसे संविधान, जिससे जनता के जनतंत्र की स्थापना हो सके, की स्थापना और इसे लागू करने के लिए क्रांतिकारी ताकतों को सक्रिय रूप से चिली की आम मेहनतकश आवाम के समक्ष खुद को एक क्रांतिकारी हरावल के रूप में प्रस्तुत करना होगा, जो जनाकांक्षाओं में क्रांतिकारी उत्साह व आदर्श भर सके। और इसी के साथ, मौजूदा साम्राज्यवादी खतरे का सामना करने और अलगाव से बचने के लिए आम जनता, जिसमें मजदूर, गरीब व मझोले किसान, और निम्न मध्य वर्गीय तबके शामिल हैं, की एक व्यापक व लड़ाकू एकता का गठन भी करना बेहद जरूरी है। चिली आज एक ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ा है जहां पुराना युग टूट कर बिखर रहा है और एक नया सवेरा दहलीज के उस पार खड़ा है। आज क्रांतिकारी ताकतों को अभूतपूर्व ताकत और सक्रियता के साथ चिली की जनता के इस ऐतिहासिक संघर्ष को जनता के जनतंत्र की स्थापना कर समाजवाद की तरफ बढ़ने की दिशा में आगे ले जाना होगा।

चिली की जनता संविधान बदलने को लेकर जनमत-संग्रह के नतीजे आने के बाद सड़कों पर जश्न मनाते हुए (26 अक्टूबर 2020)

[यह लेख मूलतः यथार्थ : मजदूर वर्ग के क्रांतिकारी स्वरों एवं विचारों का मंच (अंक 7 / नवंबर 2020) में छपा था]

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

Create a website or blog at WordPress.com

Up ↑