जनता के जनतंत्र की दहलीज़ पर चिली

एस. राज // दक्षिण अमेरिकी देश चिली ने अक्टूबर 2019 में अपने हालिया इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा जन विद्रोह देखा जब पिछले 5 दशकों से चले आ रहे नवउदारवादी हमलों और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लाखों में जनता सड़कों पर उतर आई। इस विद्रोह का सीधा नतीजा हुआ कि साम्राज्यवादी तानाशाह अगस्तो पिनोशे... Continue Reading →

अमरीकी चुनाव – विकल्पहीन मेहनतकश जनता

एम. असीम // ‘न्यूयॉर्क में एक महंगी चंदाउगाहू बैठक में पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमीर दाताओं को भरोसा दिलाया कि अगर वो चुने गए तो “कोई बुनियादी परिवर्तन नहीं होगा”।  ब्लूमबर्ग न्यूज के मुताबिक बाइडेन ने मंगलवार शाम (16 जून - सं) मैनहैटन के कार्लाइल होटल के आयोजन में दाताओं से कहा कि वो... Continue Reading →

भारत-चीन सीमा विवाद : युद्ध और युद्धोन्माद के विरुद्ध खड़े हों! युद्धोन्माद भड़काने की कांग्रेसी कोशिश का भी पर्दाफाश करें!

शेखर // भारत-चीन सीमा विवाद एक बार फिर से विश्व भर में चर्चा का विषय बन गया है। जो समझदार और संवेदनशील हैं वो लद्दाख की गलवान घाटी[1] में सीमा के दोनों तरफ पर बढ़ती सैन्य तैनाती की खबरों से चिंतित हो रहे हैं। हम भारतवासी इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि देश... Continue Reading →

क्या अमेरिका क्रांति के मुहाने पर आ खड़ा हुआ है?

अमेरिका में 25 मई 2020 को अश्वेत अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस अधिकारि‍यों द्वारा गर्दन दबाकर की गई बेरहम हत्या के बाद दूसरे सप्‍ताह में भी विरोध प्रदर्शन तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। जॉर्ज फ्लॉयड आज अमेरिका में न्याय और बराबरी तथा शोषण व अत्‍याचार के अंत की मांग के प्रतीक बन चुके हैं।... Continue Reading →

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