अभूतपूर्व बेरोजगारी और भारतीय पूंजीवाद

प्रसाद वी. // कोरोना के कारण किए गए लॉकडाउन ने भारत में बेरोजगारी दर को इतिहास में कभी न देखे गए स्तर तक पहुंचा दिया है। संकट इस वजह से और भी गंभीर हुआ क्योंकि सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता तक के लिए कोई व्यापक श्रम साध्य कार्यक्रम नहीं लिया जैसा ऐसे संकटों में … More अभूतपूर्व बेरोजगारी और भारतीय पूंजीवाद

बेरोजगारी, आर्थिक मंदी और पूंजीवाद : आंदोलनरत युवाओं के नाम

रोजगार का सम्बंध उद्योग और अर्थव्यवस्था के सतत विकास से, यानी, दूसरे शब्दों में, आर्थिक गतिविधियों में मौजूद चहल-पहल और इसकी चहुंमुखी वृद्धि से है। मुनाफा की अंधी दौड़ पूंजीवाद की रूह होती है। पूंजीवाद में जो भी चीज़ होती या की जाती है उसकी यही प्रेरक शक्ति है। समाज के लिए इसके एक हद … More बेरोजगारी, आर्थिक मंदी और पूंजीवाद : आंदोलनरत युवाओं के नाम

पूंजीवाद का संकट – मजदूरों की तबाही

31 अगस्त को अप्रैल-जून 2020 की तिमाही जीडीपी में पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 23.9% कमी के आँकड़े जारी हुए। कृषि के अतिरिक्त सभी क्षेत्रों में भारी गिरावट दर्ज की गई – निर्माण – 50%, मैनुफेक्चुरिंग – 39.3%, व्यापार व होटल – 47%, सेवा – 20%, विद्युत – 7%। दुनिया की … More पूंजीवाद का संकट – मजदूरों की तबाही

जिंदा रहना है, तो कोरोना महामारी से उपजे हालात में गैरबराबरी के खिलाफ उठ खड़े हों

निशुल्‍क स्‍वास्‍थ्‍य सेवा, रोजगार, भोजन व आवास की गारंटी के लिए मुख्‍य दुश्‍मन पूंजीवाद को पलटने की लड़ाई तेज करें आज के समय में जब कोरोना महामारी या कोविद-19 समस्त मानव जाति के भविष्य को खतरे में डाल चुका है, पूंजीवाद इसके बावजूद मानव समाज के ही विरुद्ध कदम बढ़ा रहा है और युद्धरत है। … More जिंदा रहना है, तो कोरोना महामारी से उपजे हालात में गैरबराबरी के खिलाफ उठ खड़े हों

बेरोज़गारों की फौज में बेतहाशा वृद्धि, कोरोना महामारी और संकटग्रस्त पूंजीवाद

यह पहला मौका नहीं है जब बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर चारों तरफ शोर बढ़ रहा है। भारत और दुनिया के तमाम देशों में दिनों-दिन बेकारों की फौज अनवरत रूप से बढ़ती ही जा रही है। इन समस्याओं का समाधान महज़ सरकारों और कुछ नीतियों को बदलने मात्र से हो जाएगा, यह भ्रम भी टूट … More बेरोज़गारों की फौज में बेतहाशा वृद्धि, कोरोना महामारी और संकटग्रस्त पूंजीवाद

अर्थव्यवस्था को मजदूर चलाते हैं पूंजी नहीं

एस. वी. सिंह // विस्थापित मजदूरों पर हो रहे जुल्मों की व्यथा की एक से बढ़कर एक भीषण हृदयविदारक रिपोर्ट आना बंद नहीं हो रहीं। उनकी मौत और विनाश की ऐसी दिल दहलाने वाली, सच्चाईयां उजागर हो रही हैं जिनको किसी भी जिंदा इन्सान को सहन करना मुमकिन नहीं। देशभर से दिन रात हर वक्त … More अर्थव्यवस्था को मजदूर चलाते हैं पूंजी नहीं

मई दिवस पर संदेश : जरूरत है ढहते पूंजीवाद को आखिरी धक्के की!

एस. राज // मई दिवस का इतिहास काम के घंटे कम करने के लंबे आंदोलन से जुड़ा हुआ है। इसलिए इसे जानना उन सबके लिए जरूरी है जो मजदूरी करते हैं या वेतन पर जिंदा रहते हैं या फिर जो समाज को उन्नत, सुन्दर और शोषणमुक्त बनाना चाहते हैं। मजदूरों के लिए काम करने की … More मई दिवस पर संदेश : जरूरत है ढहते पूंजीवाद को आखिरी धक्के की!