किस उद्देश्य के लिए हो रहा यह युद्ध?

✒️ संपादकीय | सर्वहारा #74-75 (16 अप्रैल – 15 मई 2025) जब पहलगाम की आतंकी घटना हुई, तो सभी देशों के वर्ग-सचेत मजदूरों सहित प्रगतिशील व जनवादी लोगों ने, चाहे वे जिस भी धर्म, नस्ल या रंग के हों, इसका विरोध किया। मजदूर वर्ग के सबसे सचेत और क्रांतिकारी हिस्से ने एक कदम आगे बढ़ते हुए … More किस उद्देश्य के लिए हो रहा यह युद्ध?

बड़ी पूंजी (कॉरपोरेटों) के हक में आनन-फानन में किये जा रहे बिहार भूमि सर्वेक्षण पर रोक लगाओ!

भूमिहीनों, गरीबों को उजाड़ना बंद करो; भूमि पर उनका दावा बहाल करो! (बिहार में जारी वर्तमान भूमि सर्वेक्षण पर जन अभियान, बिहार द्वारा गांधी संग्रहालय, पटना में 9 जनवरी 2025 को आयोजित कन्वेंशन में पेश प्रपत्र।) जन अभियान, बिहार बिहार में चल रहे (बढ़ी हुई समय अवधि के साथ) भूमि सर्वे में अफरातफरी की स्थिति … More बड़ी पूंजी (कॉरपोरेटों) के हक में आनन-फानन में किये जा रहे बिहार भूमि सर्वेक्षण पर रोक लगाओ!

दिल्‍ली चुनाव 2025 में भाजपा की जीत के मायने

संपादकीय | ‘सर्वहारा’ #70 (16 फरवरी 2025) आखिरकार भाजपा ने दिल्ली जीत ली। लेकिन क्या वह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के हवाले से किये गये वायदे भी पूरा करेगी? नरेंद्र मोदी ने दिल्ली की चुनावी रैलियों में जनता से यह वादा किया है कि जीत मिलने पर हर महीने की 8 तारीख को हर महिला … More दिल्‍ली चुनाव 2025 में भाजपा की जीत के मायने

दिल्ली चुनाव 2025: केजरीवाल सरकार के मॉडल व इसके विरोध की राजनीति पर मजदूर वर्ग से चंद बातें

साथियो! आगामी 5 फरवरी 2025 को दिल्ली में विधान सभा चुनाव होने जा रहे हैं। केजरीवाल सरकार पर भाजपा का आरोप है कि वे जनता को “मुफ्तखोरी” सिखाते हैं क्‍योंकि वे मुफ्त बिजली, पानी, शिक्षा, इलाज, परिवहन, आदि की राजनीति करते हैं। आज से पहले, यानी पूंजीवादी राज्‍य जब तक कल्‍याणकारी राज्‍य का ढोंग करने … More दिल्ली चुनाव 2025: केजरीवाल सरकार के मॉडल व इसके विरोध की राजनीति पर मजदूर वर्ग से चंद बातें

बिहार में आनन-फानन में भूमि सर्वेक्षण – क्यों और किसके हक में?

संपादकीय | ‘सर्वहारा’ #67 (1 जनवरी 2025) सभी को मालूम है, बिहार में चल रहे भूमि सर्वे में जरूरी कागजात और दस्‍तावेज के अभाव के चलते व्‍याप्‍त धांधली, भ्रष्टाचार और  अफसरशाही से ग्रामीण जनता किस तरह और कितनी त्रस्त है। लेकिन ये तो भूधारी रैयतों की बात है। भूमिहीनों की बात करें, तो यह सर्वे … More बिहार में आनन-फानन में भूमि सर्वेक्षण – क्यों और किसके हक में?

2024 में फासीवादी तानाशाही के खिलाफ संघर्ष और 2011 के मिस्र में तानाशाही विरोधी आंदोलन से मजदूर वर्ग के लिए निकले कुछ अहम सबक

संपादकीय | ‘सर्वहारा’ #63 (1 नवंबर 2024) संपादकीय का शीर्षक बेतुका लग सकता है। लेकिन तानाशाही के खिलाफ लड़ाई में किस तरह मजदूर वर्ग और विपक्षी पूंजीवादी शासक वर्ग एक बिंदु पर एक साथ होते हुए भी एक साथ नहीं होते हैं इसे समझने के लिए 2011 में मिस्र के तानाशाह होस्नी मुबारक के खिलाफ … More 2024 में फासीवादी तानाशाही के खिलाफ संघर्ष और 2011 के मिस्र में तानाशाही विरोधी आंदोलन से मजदूर वर्ग के लिए निकले कुछ अहम सबक

एनजीओ का व्यवहार और उसकी विचारधारा के समग्र मूल्यांकन का एक प्रयास

विदुषी | ‘सर्वहारा’ #59 (16 सितंबर 2024) [एन.जी.ओ.वाद पर लेखों की श्रृंखला में यह दूसरा लेख है। अंक 58 में छपा पहला लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।] हमने पिछले अंक में एनजीओ के बारे में कुछ परिचयात्मक टिप्पणी की थी। लेकिन आज की बात करें तो पूरे विश्व में एन.जी.ओ. पूंजीवादी सरकारों और … More एनजीओ का व्यवहार और उसकी विचारधारा के समग्र मूल्यांकन का एक प्रयास

एनजीओ नहीं क्रांति का रास्ता चुनें

विदुषी | ‘सर्वहारा’ #58 (1 सितंबर 2024) आज दुनिया के हर कोने में मानव सभ्यता का अस्तित्व गंभीर खतरे में है। यूक्रेन और मध्य-पूरब एशिया में चल रही साम्राज्यवादी जंग से इसकी विनाशलीला झांक रही है, तो दूसरी तरफ इसे फासीवादी तानाशाही, जो अपने आप में जनता पर लादा गया एक बर्बर युद्ध ही है, … More एनजीओ नहीं क्रांति का रास्ता चुनें

महिलाएं अब अपने कदम पीछे नहीं खींचेंगी; रात पर उनका भी हक है!

संपादकीय | ‘सर्वहारा’ #57 (16 अगस्त 2024) आर. जी. कर अस्पताल की 31 वर्षीय महिला डॉक्टर के जघन्य बलात्कार-हत्याकांड के दोषियों और 14 अगस्त की रात अस्पताल में तोड़फोड़ करने वालों को सख्त से सख्त सजा दो! 8 अगस्त की रात को आर.जी. कर अस्पताल की एक 31 वर्षीय महिला डॉक्टर की रात 2 बजे … More महिलाएं अब अपने कदम पीछे नहीं खींचेंगी; रात पर उनका भी हक है!

मोदी सरकार पुराने रंग में

✒️ संपादकीय, ‘सर्वहारा’ #54 (1 जुलाई 2024) सहयोगी दलों की बैसाखी पर ही सही, लेकिन मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन गए। बहुत लोगों का मानना था या मानना है कि बैसाखियों पर टिके नरेंद्र मोदी पहले की तरह मनमानी नहीं कर पाएंगे। लेकिन, संसद सत्र शुरू होते ही ऐसे सारे कयास गलत साबित हो गये। … More मोदी सरकार पुराने रंग में