किस उद्देश्य के लिए हो रहा यह युद्ध?

✒️ संपादकीय | सर्वहारा #74-75 (16 अप्रैल – 15 मई 2025) जब पहलगाम की आतंकी घटना हुई, तो सभी देशों के वर्ग-सचेत मजदूरों सहित प्रगतिशील व जनवादी लोगों ने, चाहे वे जिस भी धर्म, नस्ल या रंग के हों, इसका विरोध किया। मजदूर वर्ग के सबसे सचेत और क्रांतिकारी हिस्से ने एक कदम आगे बढ़ते हुए … More किस उद्देश्य के लिए हो रहा यह युद्ध?

सड़ता बीमार पूंजीवाद बोलने की जरा भी आजादी को सहन करने को कतई तैयार नहीं

मुकेश असीम | सर्वहारा #71-73 (1 मार्च – 15 अप्रैल 2025) पूंजीवादी व्यवस्था का दावा रहा है कि उसने जनतंत्र कायम किया और सभी को अभिव्यक्ति का जनतांत्रिक अधिकार दिया है, हालांकि सच्चाई यह है कि पूंजीवाद में हर अधिकार वास्तव में सम्पत्तिशालियों के लिए ही होता है। संपत्तिहीन मजदूर मेहनतकश इन अधिकारों का प्रयोग … More सड़ता बीमार पूंजीवाद बोलने की जरा भी आजादी को सहन करने को कतई तैयार नहीं

देश और दुनिया में आर्थिक विकास दर में आई कमी और इसके निहितार्थ

संपादकीय | ‘सर्वहारा’ #64-65 (1 दिसंबर 2024) विश्व आर्थिक फोरम (World Economic Forum) ने इस साल के 10 सितंबर को प्रकाशित अपने साप्ताहिक आर्थिक एवं वित्तीय सर्वे में कहा है कि 2024 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर में पिछले साल की तुलना में “और अधिक” गिरावट आएगी। रायटर सर्वे भविष्यवाणी (Reuter’s Poll Forecast) ने अगले … More देश और दुनिया में आर्थिक विकास दर में आई कमी और इसके निहितार्थ

2024 में फासीवादी तानाशाही के खिलाफ संघर्ष और 2011 के मिस्र में तानाशाही विरोधी आंदोलन से मजदूर वर्ग के लिए निकले कुछ अहम सबक

संपादकीय | ‘सर्वहारा’ #63 (1 नवंबर 2024) संपादकीय का शीर्षक बेतुका लग सकता है। लेकिन तानाशाही के खिलाफ लड़ाई में किस तरह मजदूर वर्ग और विपक्षी पूंजीवादी शासक वर्ग एक बिंदु पर एक साथ होते हुए भी एक साथ नहीं होते हैं इसे समझने के लिए 2011 में मिस्र के तानाशाह होस्नी मुबारक के खिलाफ … More 2024 में फासीवादी तानाशाही के खिलाफ संघर्ष और 2011 के मिस्र में तानाशाही विरोधी आंदोलन से मजदूर वर्ग के लिए निकले कुछ अहम सबक

बांग्लादेश में भीषण बेरोजगारी झेल रहे युवाओं का फूटा गुस्सा

✒️ आकांक्षा | ‘सर्वहारा’ #56 (1 अगस्त 2024) आंदोलन की फौरी वजह बना मुक्ति संग्राम सेनानियों का आरक्षण; अंतर्य में है विकराल होती बेरोजगारी बांग्लादेश में पिछले कई हफ्तों से छात्रों-युवाओं द्वारा सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई छेड़ी जा चुकी है। इस संघर्ष का फौरी कारण बना बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के सेनानियों को दिया … More बांग्लादेश में भीषण बेरोजगारी झेल रहे युवाओं का फूटा गुस्सा

ग्रीस में सप्ताह में 6 दिन काम का नया कानून

✒️ रविन्द्र गोयल | ‘सर्वहारा’ #55 (16 जुलाई 2024) यदि आप सोचते हैं कि मजदूरों को ज्यादा खटाया जाने का बाजा नारायण मूर्ति जैसे पूंजीपति या उनकी दलाल मोदी सरकार ही बजा रही है तो आप शायद गलत फहमी में हैं। यह तो अभी पूरे दुनिया के पूंजीपतियों का प्रिय शगल बन गया है। एक … More ग्रीस में सप्ताह में 6 दिन काम का नया कानून

केन्या में महंगाई के खिलाफ जनता सड़कों पर, पुलिस ने ली 27 की जान

✒️ आकांक्षा | ‘सर्वहारा’ #54 (1 जुलाई 2024) केन्या में सरकार द्वारा लाये गए नए फाइनेंस बिल 2024 के खिलाफ विगत 25 जून को जनता भारी संख्या में सड़कों पर उतर गयी। यह बिल ऐसा है जिससे मूलभूत चीजों जैसे ब्रेड, खाने का तेल, बच्चों के डायपर, महिलाओं के सैनीटरी पैड, आदि के दाम बढ़ … More केन्या में महंगाई के खिलाफ जनता सड़कों पर, पुलिस ने ली 27 की जान

मजदूरों की लाशों के ढेर पर खड़े समृद्ध पूंजीवादी देशों की सच्चाई

कुवैत में आवासीय इमारत में आग लगने से 45 भारतीय आप्रवासी श्रमिकों की हुई मौत हादसा नहीं, हत्या है। आकांक्षा पिछले दिनों कुवैत के मंगफ इलाके में एक सात-मंजिला इमारत में आग लगने से लगभग 50 आप्रवासी (इमिग्रेंट) मजदूरों/कर्मचारियों की मौत हो गयी, जिसमें से लगभग 45 भारत के और कुछ फिलिपींस के नागरिक थे। … More मजदूरों की लाशों के ढेर पर खड़े समृद्ध पूंजीवादी देशों की सच्चाई

‘The Experience Of Constructivism’ Mexico: The Country That Stopped Reading

Prasad V // In the context of the new National Education Policy (NEP2020), which has declared constructivism to be the pedagogical approach in the coming years, it may be worthwhile to recall the experience of some of the countries where the said pedagogy has already been implemented. Constructivism is the minimally guided approach in pedagogy … More ‘The Experience Of Constructivism’ Mexico: The Country That Stopped Reading

जनता के जनतंत्र की दहलीज़ पर चिली

एस. राज // दक्षिण अमेरिकी देश चिली ने अक्टूबर 2019 में अपने हालिया इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा जन विद्रोह देखा जब पिछले 5 दशकों से चले आ रहे नवउदारवादी हमलों और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लाखों में जनता सड़कों पर उतर आई। इस विद्रोह का सीधा नतीजा हुआ कि साम्राज्यवादी तानाशाह अगस्तो पिनोशे … More जनता के जनतंत्र की दहलीज़ पर चिली