वैलेंटीना तेरेशकोवा – अंतरिक्ष में जाने वाली दुनिया की पहली महिला

आज से 61 साल पहले 16 जून 1963 को मजदूर वर्ग के राज्य, सोवियत यूनियन, की वैलेंटीना तेरेशकोवा अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरने वाली दुनिया की पहली महिला बनीं थी। उन्होंने ‘वोस्तोक-6’ विमान पर सवार हो 48 बार पृथ्वी की परिक्रमा की और लगभग 3 दिन तक अंतरिक्ष में रहीं थी। इस दिन तक भी वह एकलौती महिला हैं जो एक एकल अंतरिक्ष मिशन में रही हैं। इस मिशन के समय उनकी उम्र केवल 26 साल थी और 2023 तक वे अंतरिक्ष में जाने वाली सबसे कम उम्र की महिला थीं।

सोवियत स्पेस प्रोग्राम में चुने जाने के पहले तक वो कपड़ा फैक्ट्री में मजदूर थीं। ऐसा था सोवियत समाजवाद! जहां मजदूर और महिलाएं हाड़तोड़ मेहनत से मुक्त हो कर फैक्ट्री में काम करते हुए भी अन्य क्षेत्रों में खुद को विकसित कर सकते थे। उनके पास हर क्षेत्र में जाने के दरवाजे खुले थे और इसमें राज्य द्वारा उनकी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष मदद की जाती थी।

अगर ‘अवसर की भूमि’ अमेरिका से तुलना की जाए तो नासा से अंतरिक्ष में जाने वाली पहली महिला, सैली राइड, इसके 20 साल बाद यानी 1983 अंतरिक्ष में गयीं। दूसरी तरफ, इस अकेले मिशन में तेरेशकोवा ने जितना समय अंतरिक्ष में बिताया था वह उस समय तक के सभी अमेरिकी एस्ट्रोनॉट द्वारा संयुक्त रूप से अंतरिक्ष में बिताए गए समय से भी अधिक था। यह तथ्य सोवियत रूस और मजदूर वर्ग के राज्य की सर्वश्रेष्ठता को पुनः प्रदर्शित करता है जिसकी बदौलत ही कुछ ही दशक पहले सभी मायनों में पिछड़े होने वाले देश रूस ने समस्त जनता को ना केवल उन्नत जीवन मुहैया कराया बल्कि विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में भी नए अकल्पनीय मुकाम हासिल किये।


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