मोदी सरकार पुराने रंग में

✒️ संपादकीय, ‘सर्वहारा’ #54 (1 जुलाई 2024) सहयोगी दलों की बैसाखी पर ही सही, लेकिन मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन गए। बहुत लोगों का मानना था या मानना है कि बैसाखियों पर टिके नरेंद्र मोदी पहले की तरह मनमानी नहीं कर पाएंगे। लेकिन, संसद सत्र शुरू होते ही ऐसे सारे कयास गलत साबित हो गये। … More मोदी सरकार पुराने रंग में

मजदूर यूनियन [कविता]

✒️ यश राज | ‘सर्वहारा’ #54 (1 जुलाई 2024) हम सुबह गहरी नींद में सोएमां ने आवाज लगायीआंखे मलते नींद से जब उठेमां बोली काम पर नहीं जाना है। हां! बोलकर सुबह चौक पर पहुंचादेखो ये भीड़ मजदूरों का मेलाकाम की तलाश में गांव से शहर को आयाखून पसीना ये बेचने को आया। काम की … More मजदूर यूनियन [कविता]

अम्मा तुम कब लौटोगी? [कविता]

✒️ मयन राणा | ‘सर्वहारा’ #54 (1 जुलाई 2024) फिलिस्तीन में हो रहे इसराइल द्वारा नरसंहार ने मानवता को रौंद दिया है। हजारों की संख्या में निर्दोषों को मारा जा रहा है, बच्चों को मारा जा रहा है। इन साम्राज्यवादी जनसंहारक युद्धों से कभी किसी समस्या का हल नहीं हो सकता। आज हमें जरूरत है … More अम्मा तुम कब लौटोगी? [कविता]

पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा रेहड़ी-पटरी वालों (हॉकरों) को उजाड़ने के खिलाफ एकजुट हो!

✒️ कौशिक बरनवाल | ‘सर्वहारा’ #54 (1 जुलाई 2024) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विगत 24 जून को सरकारी जमीन दखल, भ्रष्टाचार, अतिक्रमण आदि कई मुद्दों पर विभिन्न नगर निगम अध्यक्षों, मंत्रियों, और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। अगले दिन से कोलकाता समेत राज्य के विभिन्न शहरों में रेहड़ी-पटरी वालों व फुटपाथ … More पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा रेहड़ी-पटरी वालों (हॉकरों) को उजाड़ने के खिलाफ एकजुट हो!

बिहार में पिछले 10 दिन में गिरे 6 पुल

✒️ आकांक्षा | ‘सर्वहारा’ #54 (1 जुलाई 2024) पिछले 10 दिनों में बिहार में 6 पुल ध्वस्त हो चुके हैं। इसके पीछे संयोग नहीं, बल्कि एक निक्कमी और भ्रष्ट सरकार है। 18 जून से 30 जून के बीच बिहार के अररिया, सिवान, पूर्वी चंपारण (मोतिहारी), मधुबनी और किशनगंज जिलों में पुल गिर चुके हैं। इनमें … More बिहार में पिछले 10 दिन में गिरे 6 पुल

भीषण हीटवेव में काम करते निर्माण मजदूरों की स्थिति

✒️ उमेश कुमार निराला | ‘सर्वहारा’ #54 (1 जुलाई 2024) पिछले दिनों पटना में पड़ी भीषण गर्मी में निर्माण मजदूरों के लिए एक तरफ कुआं और एक तरफ खाई वाली स्थिति हो गयी थी। एक मजदूर से इस विषय में पूछने पर वे बताते हैं कि “हम आज काम पर चक्कर खा कर गिर जाते। … More भीषण हीटवेव में काम करते निर्माण मजदूरों की स्थिति

वैलेंटीना तेरेशकोवा – अंतरिक्ष में जाने वाली दुनिया की पहली महिला

आज से 61 साल पहले 16 जून 1963 को मजदूर वर्ग के राज्य, सोवियत यूनियन, की वैलेंटीना तेरेशकोवा अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरने वाली दुनिया की पहली महिला बनीं थी। उन्होंने ‘वोस्तोक-6’ विमान पर सवार हो 48 बार पृथ्वी की परिक्रमा की और लगभग 3 दिन तक अंतरिक्ष में रहीं थी। इस दिन तक भी … More वैलेंटीना तेरेशकोवा – अंतरिक्ष में जाने वाली दुनिया की पहली महिला

मजदूरों पढ़ो (कविता)

यश राज पढ़ोगे तो अपने भीतर के सन्नाटे से दो चार होगे और समझ में आएगा कि दुनिया किसी आईटी सेल का चलाया हुआ ट्विटर ट्रेंड भर नहीं है फेसबुक पर की गयी एक टिप्पणी भर नहीं है, एक विडियो भर नहीं है एक इन्स्टाग्राम की पोस्ट या रील भर नहीं है। पढ़ोगे तो समझ … More मजदूरों पढ़ो (कविता)

मैक्सिम गोर्की की रचना ‘मां’ के नायक पावेल का अदालत में बयान

अलेक्सेई मक्सिमोविच पेश्कोव, जिन्हें हम मैक्सिम गोर्की के नाम से जानते हैं, एक सोवियत क्रांतिकारी लेखक और राजनीतिक कार्यकर्त्ता थे। वह अपने अजर-अमर क्रांतिकारी उपन्यास ‘मां’ (1906) के लिए सुप्रसिद्ध तो हैं ही, उन्होंने ‘समाजवादी यथार्थवाद’ साहित्यिक पद्धति की स्थापना भी की थी और रूसी क्रांति के पहले व उसके दौरान भी वे लेनिन की … More मैक्सिम गोर्की की रचना ‘मां’ के नायक पावेल का अदालत में बयान

मजदूरों की लाशों के ढेर पर खड़े समृद्ध पूंजीवादी देशों की सच्चाई

कुवैत में आवासीय इमारत में आग लगने से 45 भारतीय आप्रवासी श्रमिकों की हुई मौत हादसा नहीं, हत्या है। आकांक्षा पिछले दिनों कुवैत के मंगफ इलाके में एक सात-मंजिला इमारत में आग लगने से लगभग 50 आप्रवासी (इमिग्रेंट) मजदूरों/कर्मचारियों की मौत हो गयी, जिसमें से लगभग 45 भारत के और कुछ फिलिपींस के नागरिक थे। … More मजदूरों की लाशों के ढेर पर खड़े समृद्ध पूंजीवादी देशों की सच्चाई