Wistron: Spontaneous Revolt of Angry Workers

M Aseem // Angered by unpaid and delayed wages, 12 hour long working hours, deprived of breaks, unpaid work on holidays, cheating in marking of attendance to deduct wages and many such problems, several thousand workers of Wistron Infotech, an Apple manufacturing unit in Bengaluru, started a protest in the morning of 12th December. As... Continue Reading →

मज़दूरों को उनकी ‘अपनी’ सरकार ने ही त्याग दिया

[एस. वी. सिंह] “चूँकि मज़दूरों कि मौत का कोई आंकड़ा सरकार के पास मौजूद नहीं है, इसलिए उन्हें मुआवजा देने का सवाल ही पैदा नहीं होता” 14 सितम्बर को संसद में श्रम एवं रोज़गार मंत्री संतोष गंगवार का ये बयान सुन कर देश स्तब्ध रह गया। क्या कोई सरकार इतनी निष्ठुर, इतनी संवेदनहीन हो सकती... Continue Reading →

श्रम सुधार : श्रम संहिताओं का आगमन, श्रमिक अधिकारों का अवसान

एस. राज // श्रम कानूनों और मजदूर वर्ग के सभी जनवादी अधिकारों को ध्वस्त करना इतिहास में किसी भी फासीवादी सरकार के प्रमुख लक्ष्यों में एक रहा है। इसी तरह भाजपा-आरएसएस की मोदी सरकार ने भी 2014 आम चुनाव जीत कर सत्ता में आने के बाद से ही देश में 44 केंद्रीय श्रम कानूनों की... Continue Reading →

मजदूरों का कोई देश नहीं, सरकार नहीं, न्‍यायालय नहीं

बयां से परे अपने ही देश में शरणार्थी हुए प्रवासी मजदूरों का दर्द (पहली किश्‍त) जब ये प‍ंक्तियां लिखी जा रही हैं, महानगरों से सैंकड़ों किलोमीटर दूर अपने गांव-घर की ओर पैदल चलते चले जाते प्रवासी मजदूरों की संख्‍या लगातार बढ़ती ही जा रही है। ये सभी पूरी तरह व्‍यथित, बेबस, परेशान और बदहवास हैं,... Continue Reading →

जिंदा रहना है, तो कोरोना महामारी से उपजे हालात में गैरबराबरी के खिलाफ उठ खड़े हों

निशुल्‍क स्‍वास्‍थ्‍य सेवा, रोजगार, भोजन व आवास की गारंटी के लिए मुख्‍य दुश्‍मन पूंजीवाद को पलटने की लड़ाई तेज करें आज के समय में जब कोरोना महामारी या कोविद-19 समस्त मानव जाति के भविष्य को खतरे में डाल चुका है, पूंजीवाद इसके बावजूद मानव समाज के ही विरुद्ध कदम बढ़ा रहा है और युद्धरत है।... Continue Reading →

‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज : यह आर्थिक पैकेज नहीं, पूंजीवादी संकट के पूरी तरह असाध्‍य हो जाने का घोषणापत्र है

मोदी का 'आत्‍मनिर्भर' भारत नहीं, मजदूर वर्ग का समाजवादी आत्‍मनिर्भर भारत  12 मई 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की, जिसके जरिए कुटीर उद्योग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग, मजदूर, प्रवासी मजदूर, किसान, मध्यम वर्ग और बड़े उद्योगों तक आपदा राहत या फायदा पहुंचाने की बात की गई।... Continue Reading →

सरकारी योजनाओं और घोषणाओ से परे, जमीनी वास्तविकता की ओर एक नजर

सरकार द्वारा गरीब मजदूरों को राहत पहुंचाए जाने के आंकड़े जो तस्वीर दिखाते हैं, वास्तविकता उससे बिल्कुल अलग होती है। सरकारी आंकड़ों और जमीनी सच्चाई के अंतर को जानने के लिए कुछ ऐसी जानकारियों और घटनाओं पर नजर डालना ज़रूरी है जो सरकारी घोषणाओं, फर्जी विज्ञापनों से इतर वास्तविक सच्चाई का जीता जागता सबूत पेश... Continue Reading →

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