‘सर्वहारा’ #59 (16 सितंबर 2024)
इफ्टू (सर्वहारा) द्वारा दिल्ली के मायापुरी औद्योगिक क्षेत्र व झुग्गी बस्तियों में न्यूनतम वेतन व सभी श्रम कानून लागू करने, नए लेबर कोड और नए आपराधिक कानून रद्द करने, मालिक-प्रशासन-सरकार के गठजोड़ व अन्याय के खिलाफ जुझारू मजदूर यूनियन खड़ा करने के नारों के साथ प्रचार अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान मुख्यतः मजदूर वर्ग से आने वाले कार्यकर्ताओं और स्वयं फैक्ट्री मजदूरों की अगुवाई में पर्चा वितरण, नुक्कड़ सभाओं व झुग्गी में मीटिंगों द्वारा पिछले कई हफ्तों से जारी है।
मायापुरी मुख्यतः छोटी लघु फैक्ट्रियों वाला पुराना औद्योगिक क्षेत्र है जिसमें लोहा, प्लास्टिक, कपड़ा आदि का काम होता है। दिल्ली के बाकी औद्योगिक क्षेत्रों की तरह यहां भी कोई श्रम कानून लागू नहीं हैं और मजदूरों का बेतहाशा शोषण जारी है। श्रम कानून, मजदूरों के कार्य की परिस्थितियों और झुग्गी बस्ती संबंधित मांगों को लेकर इफ्टू (सर्वहारा) द्वारा सर्वेक्षण के आधार पर एक डिमांड चार्टर भी बनाया गया है जो वितरित किये जा रहे पर्चे में शामिल है। आने वाले दिनों में इस डिमांड चार्टर के आधार पर बड़ा आंदोलन खड़ा करने, संगठनबद्ध होने, और साथ ही उजरती गुलामी का खात्मा करने की लड़ाई को तेज करने का आह्वान इस अभियान के माध्यम से मजदूरों के बीच किया जा रहा है।




चार्टर ऑफ डिमांड की मुख्य मांगें इस प्रकार हैं –
- सरकारी न्यूनतम वेतन दर सख्ती से लागू करो। न्यूनतम वेतन बढ़ा कर ₹26,000 प्रति माह (₹1000 प्रतिदिन) करो।
- कार्यरत श्रमिकों को सभी कानूनी व जरूरी दस्तावेज, मुख्यतः i) लेटर ऑफ अपॉइंटमेंट, ii) आईडी कार्ड, iii) सैलरी स्लिप, मुहैया कराओ।
- 8 घंटा कार्य दिवस कानून लागू हो। 8 घंटा से अधिक तथा अवकाश के दिन भी काम करने पर दोगुना ओवरटाइम वेतन दर लागू हो।
- स्थाई काम पर स्थाई रोजगार के सिद्धांत के अनुसार सभी श्रमिकों की नौकरी पक्की और नियमित करो। ठेकेदारी प्रथा बंद करो।
- हफ्ते में एक दिन (सामान्यतः रविवार) को सवेतन अवकाश (paid leave) का नियम लागू हो। इसके अतिरिक्त साल में 12 दिन सवेतन अवकाश तथा 12 दिन सवेतन मेडिकल अवकाश (sick leave) का प्रावधान भी लागू हो।
- “जहां झुग्गी वहीं मकान” के तमाम चुनावी वादों और मानवीय नीति के अनुसार झुग्गियों की जगह पर ही सभी निवासियों को पक्का मकान मुहैया कराओ।
- तत्काल सभी झुग्गियों को नियमित करो और अतिक्रमण, सफाई, सौंदर्यीकरण आदि के नाम पर झुग्गियों को उजाड़ना बंद करो।
- बस्ती में आबादी अनुसार पर्याप्त संख्या में नए स्वच्छ शौचालयों और स्नानघरों का निर्माण करो।
- बस्ती में निःशुल्क स्वच्छ पेय जल की सुविधा उपलब्ध कराओ।
- झुग्गी बस्ती में जलनिकास (ड्रेनेज) व सीवर प्रणाली को ठीक करो।