रोजगार का सम्बंध उद्योग और अर्थव्यवस्था के सतत विकास से, यानी, दूसरे शब्दों में, आर्थिक गतिविधियों में मौजूद चहल-पहल और इसकी चहुंमुखी वृद्धि से है। मुनाफा की अंधी दौड़ पूंजीवाद की रूह होती है। पूंजीवाद में जो भी चीज़ होती या की जाती है उसकी यही प्रेरक शक्ति है। समाज के लिए इसके एक हद... Continue Reading →