कोविड संकट, सर्वनाशी सरकारी प्रबंध और सर्वहारा नजरिया

एम. असीम // 18 दिन में बुराई पर अच्छाई की जीत की मिथकीय महाभारत युद्ध की कहानी की तर्ज पर 21 दिन में कोरोना को परास्त करने के लिए नरेंद्र मोदी द्वारा पूरे देश को तालाबंद किए चार महीने से अधिक गुजर चुके। विकसित यूरोपीय देशों में उस वक्त जारी कोरोना के कहर को देखते... Continue Reading →

जिंदा रहना है, तो कोरोना महामारी से उपजे हालात में गैरबराबरी के खिलाफ उठ खड़े हों

निशुल्‍क स्‍वास्‍थ्‍य सेवा, रोजगार, भोजन व आवास की गारंटी के लिए मुख्‍य दुश्‍मन पूंजीवाद को पलटने की लड़ाई तेज करें आज के समय में जब कोरोना महामारी या कोविद-19 समस्त मानव जाति के भविष्य को खतरे में डाल चुका है, पूंजीवाद इसके बावजूद मानव समाज के ही विरुद्ध कदम बढ़ा रहा है और युद्धरत है।... Continue Reading →

‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज : यह आर्थिक पैकेज नहीं, पूंजीवादी संकट के पूरी तरह असाध्‍य हो जाने का घोषणापत्र है

मोदी का 'आत्‍मनिर्भर' भारत नहीं, मजदूर वर्ग का समाजवादी आत्‍मनिर्भर भारत  12 मई 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की, जिसके जरिए कुटीर उद्योग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग, मजदूर, प्रवासी मजदूर, किसान, मध्यम वर्ग और बड़े उद्योगों तक आपदा राहत या फायदा पहुंचाने की बात की गई।... Continue Reading →

सरकारी योजनाओं और घोषणाओ से परे, जमीनी वास्तविकता की ओर एक नजर

सरकार द्वारा गरीब मजदूरों को राहत पहुंचाए जाने के आंकड़े जो तस्वीर दिखाते हैं, वास्तविकता उससे बिल्कुल अलग होती है। सरकारी आंकड़ों और जमीनी सच्चाई के अंतर को जानने के लिए कुछ ऐसी जानकारियों और घटनाओं पर नजर डालना ज़रूरी है जो सरकारी घोषणाओं, फर्जी विज्ञापनों से इतर वास्तविक सच्चाई का जीता जागता सबूत पेश... Continue Reading →

आर्थिक संकट के दौर में कोरोना महामारी और मजदूर वर्ग

29 मार्च, रविवार को दुनिया भर में कोरोना से लड़ने की तैयारियों में सबसे असंवेदनशील सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'सबसे पहले मैं सभी देशवासियों से क्षमा मांगता हूं और मेरी आत्मा कहती है कि आप मुझे जरूर माफ करेंगे। क्योंकि कुछ ऐसे निर्णय लेने पड़ें हैं जिसकी वजह से आपको कई... Continue Reading →

‘आरोग्य सेतु’- महामारी में तकनीक बनाम निजता

क्या आपने ‘आरोग्य सेतु’ ऐप के बारे में सुना है? यह एक मोबाइल ऐप्लिकेशन या ऐप है जिसे भारत सरकार द्वारा बनाया गया है, यह कहते हुए कि यह कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एक ज़रूरी ऐप है क्योंकि यह यूज़र को ट्रैक करता है और कोरोना संक्रमित लोगों से मिलने पर उन्हें अलर्ट... Continue Reading →

बेरोज़गारों की फौज में बेतहाशा वृद्धि, कोरोना महामारी और संकटग्रस्त पूंजीवाद

यह पहला मौका नहीं है जब बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर चारों तरफ शोर बढ़ रहा है। भारत और दुनिया के तमाम देशों में दिनों-दिन बेकारों की फौज अनवरत रूप से बढ़ती ही जा रही है। इन समस्याओं का समाधान महज़ सरकारों और कुछ नीतियों को बदलने मात्र से हो जाएगा, यह भ्रम भी टूट... Continue Reading →

लॉकडाउन में फंसे लाखों मजदूरों को मिली घर जाने की इजाजत

लॉक डाउन में भूख और अपमान का सामना करते लाखों प्रवासी मजदूरों को मिली तत्‍काल राहत के अतिरिक्‍त परदे के पीछे के असली खेल पर भी ध्‍यान देना जरूरी है केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को लेकर अब तक दो आदेश निकाले हैं। कल यानी 29 अप्रैल के अपने नये आदेश में... Continue Reading →

कोरोना काल में सांप्रदायिक वायरस का खतरा

पूरे विश्व में कोरोना महामारी से हाहाकार मचा हुआ है। तथाकथित समृद्ध देशों की स्थिति भयावह है और पुरी दुनिया में लगभग 2,00,000 मौतें हो चुकी है। भारत में एक महीने से ज्यादा के लॉकडाउन के बावजूद पिछले 24 घंटों में करीब 1,800 नए मामले सामने आये हैं। ऐसे में सारे संसाधनों को जनता की... Continue Reading →

‘केरला मॉडल’: कोविड-19 शायद इसका जीवनकाल बढ़ा दे

प्रसाद वी. // केरल भारत के उन कुछ राज्यों में से एक है जहां सरकार ने कोरोना वैश्विक महामारी से लड़ने हेतु कुछ गंभीर प्रबंध किया है और इन प्रयासों का अच्छा परिणाम भी प्राप्त हुआ है। इस लेख को लिखने के दौरान भी केरल में संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पर... Continue Reading →

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