आज 7 मई को सफूरा जरगर व अन्य राजनीतिक कार्यकर्ताओं की, UAPA व अन्य काले कानूनों का इस्तेमाल कर, गिरफ्तारी के विरोध में देशभर में महिला संगठनों, जिसमें AIPWA, AIDWA, AIMSS, बिहार महिला समाज, विमुक्ता स्त्री मुक्ति संगठन आदि शामिल थे, के द्वारा आभ्यंतरिक विरोध प्रदर्शन किया गया।
सफूरा जरगर जो तीन महीने की गर्भवती है उन्हें 13 अप्रैल को तिहाड़ जेल में डाल दिया गया और अबतक उनकी रिहाई नहीं हुई है। एक गर्भवती महिला को केवल बेबुनियाद आरोपों के आधार पर जेल में डालना वो भी वैश्विक महामारी के दौर में जहां किसी को भी घरों से बाहर निकलने से मना किया जा रहा है, बेहद शर्मनाक, अमानवीय, गैर लोकतांत्रिक और असंवैधानिक है।
इसके ऊपर से आईटी सेल द्वारा सुनियोजित ढंग से सफुरा का चरित्र हनन करने के तमाम प्रयास जारी हैं जिसके तहत उनके ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर घोर महिला विरोधी व भद्दे पोस्ट डाले जा रहे हैं।
हम सभी महिलाएं इस दमनकारी और महिला विरोधी कार्रवाइयों का पुरजोर विरोध करती हैं क्योंकि यह सिर्फ सफ़ूरा पर नहीं हम सभी महिलाओं व समस्त जनता के संवैधानिक व नागरिक अधिकारों पर घातक हमला है।
हम केंद्र सरकार से सफ़ुरा और अन्य सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं की जल्द से जल्द रिहाई की मांग करते है और वैश्विक महामारी में अपनी जरूरतों तक को पूरा करने में असहाय कर दी गई आम गरीब व मेहनतकश जनता के खिलाफ सरकार की तमाम जनविरोधी, मजदूर विरोधी, महिला विरोधी नीतियों का विरोध करते है।
विमुक्ता स्त्री मुक्ति संगठन मांग करता है कि –
1- ग़ैरजनतंत्रिक व दमनकारी कार्रवाइयों के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले राजनीतिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, बुद्धिजीवियों को अविलंब रिहा करो!
2- लॉकडाउन की आड़ में लोगों की अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला करना बंद करो!
3- सफूरा जरगर पर आईटी सेल द्वारा किये जा रहे घोर महिला विरोधी दुष्प्रचार पर तुरंत रोक लगाई जाए और इसमें शामिल तत्वों पर अविलंब कार्रवाई की जाए।
4- सारे निजी संसाधनों को सरकार अपने हाथ में लें व सभी ज़रूरतमंदों के लिए निशुल्क प्रशिक्षण, चिकित्सा, आवास व खाद्यान्न उपलब्ध करे।
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