यथार्थ – अंक 11 – मार्च 2021

इस अंक में :

▪️ अन्यायपूर्ण सर्वोच्च ‘न्याय’
✍️ संपादकीय

▪️ कॉर्पोरेट के नए हिमायती क्या हैं और वे किस तरह क्रांतिकारियों से लड़ते हैं [प्रथम किश्त]
✍️ पीआरसी, सीपीआई (एमएल)

▪️[पेरिस कम्यून के 150 वर्ष] मजदूर वर्ग का प्रथम राज्य पेरिस कम्यून अमर है!
✍️ शेखर

▪️ डीज़ल, पेट्रोल, गैस को कर मुक्त करो – सरकारी लूट बंद करो – कॉर्पोरेट टैक्स बढ़ाओ
✍️ एस. वी. सिंह

▪️ किसान आंदोलन और ग्रामीण महिलाओं की मुक्ति का प्रश्न
✍️ अमिता कुमारी

▪️ नए आईटी नियम बोल कि लब (अभी तक) आज़ाद हैं तेरे
✍️ एस. वी. सिंह

▪️ रंग-बिरंगी चूड़ियाँ बनाने वालों की बेरंग ज़िंदगी
✍️ शिवानी [मुक्ति संग्राम – नवंबर 2020]

▪️[पाठकों का पन्ना] आधी आबादी का सच
✍️ शैलेंद्र चौहान

▪️[इतिहास के पन्नों से]
✍️ हमें फाँसी देने के बजाय गोली से उड़ाया जाए (1931) / भगत सिंह
✍️ मार्क्स के करूणारसपूर्ण काव्यमय किन्तु वास्तविक जीवन को बड़े प्रेम से पढ़ेगी दुनिया (1954) / राहुल सांकृत्यायन
✍️ समाजवाद क्यों? (1949) / अल्बर्ट आइंस्टाइन

▪️ [कविता]
✍️ हम इंकलाब हैं / इस्मत शाहजहां
✍️ दस्तूर / हबीब जालिब
✍️ वो सुबह कभी तो आएगी / साहिर लुधियानवी

▪️ [ग्राउंड रिपोर्ट]
✍️ न्यूज़क्लिक छापेमारी के खिलाफ प्रतिरोध सभा / पटना, 15 फरवरी
✍️ किसान-मजदूर एकता महारैली / बरनाला, पंजाब, 21 फरवरी
✍️ टिकरी बॉर्डर पर ‘मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान’ (मासा)

पीडीएफ डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें

Create a website or blog at WordPress.com

Up ↑